Income Tax नियम लागू, कहीं भी एंट्री कर सकेंगे इनकम टैक्स अधिकारी 2025
हम आप को बात दे की सरकार ने सालाना 1 लाख तक की इनकम को टैक्स को फ्री कर दिया है लेकिन 1 अप्रैल 2026 से आयकर विभाग को आपके सोशल मीडिया अकाउंट निजी ईमेल बैंक अकाउंट ऑनलाइन निवेश अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट को देखने और उन तक पहुचने का कानूनी आधिकार होगा हल की ईमानदार टैक्स पे करने वालों को इससे कोई परेशानी नही होने वाला है लेकिन टैक्स चोरी करने वालों की खैर नही है
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 132 के तहत टैक्स आधिकारियों को यहा आधिकार है की वह किसी व्यक्ति के घर या आफिस या लॉकर का तलाशी ले सकते है और संपत्ति या दस्तावेज़ को जप्त कर सकते है अगर उन्हे लगता है अगर व्यक्ति ने टैक्स चोरी की है तो अब इस कानून मे एक नया प्रावधान जोड़ा गया है जिसके तहत टैक्स आधिकारी आपके कंप्यूटर सिस्टम वर्चुअल डिजिटल स्पेस जैसे सोशल मीडिया अकाउंट ईमेल बैंक अकाउंट तक भी पहुच सकते है
टैक्स चोरो की अब खैर नही
क्लाज 247 के अनुसार अगर टैक्स आधिकारियों को शक हो की आपके पास एसी कोई संपत्ती या आय है जिस पर टैक्स नही चुकाया गया है तो वे आपके कंप्यूटर सिस्टम ईमेल सोशल मीडिया अकाउंट बैंक अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट और यहा तक की क्लाउड स्टोरेज तक पहुँच सकते है अगर आप उन्हे एक्सेस कोड नही देते है तो वे इसे ओवरराइड कर के भी एक्सेस कर सकते है न्यू इनकम टैक्स बिल मे वर्चुअल डिजिटल स्पेस की परिभाषा मे विस्तृत रूप से दिया गया है
टैक्स आधिकारियों का यहा यहा होगा नजर
जिसमे ईमेल सर्वर सोशल मीडिया अकाउंट ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट बैंक अकाउंट किसी संपत्ति के मालिक का पूरा विवरण देखने वाली वेबसाइड रिमोट सर्वर या क्लाउड सर्वर डिजिटल ऐप्लीकेशन प्लेटफार्म भी शामिला है इसका मतलब है की अगर टैक्स आधिकारियों को शक हुआ की आप ने टैक्स को चोरी किया है तो यहा आप के डिजिटल जीवन का हर गतिविधि को चेक या जांच कर सकते है अब यहा सवाल यहा उठता है की यहा इनकम टैक्स विभाग के वह कौन से आधिकारी होंगे जो आपके सोशल मीडिया अकाउंट को एक्सेस कर सकते है
यहा सभी आधिकारियों को मिला आधिकार
इनमे जाइंट डायरेक्टर ( JOINT COMMISSIONER ) ऐडिशनल डायरेक्टर ( ADDITIONAL COMMISSIONER ) जाइंट कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर असिस्टेंट डायरेक्टर ( ASSISTANT DIRECTOR ) डिप्टी डायरेक्टर ( DEPUTY DIRECTOR ) असिस्टेंट कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स ऑफिसर और रिकवरी ऑफिसर शामिल होंगा
इस नया कानून का सीधा असर टैक्स पेयर्स की प्राइवेसी पर पड़ा सकता है अगर टैक्स आधिकारियों को अगर शक हो की अपने टैक्स को चोरी किया है तो वे आपके सोशल मीडिया अकाउंट ईमेल बैंक अकाउंट और यहा तक की आपके क्लाउड स्टोरेज तक पहुँच सकते है और इससे आपके निजी जानकारी सार्वजनिक होने का खतरा बढ़ा जाता है कानून के जानकारो का मानना है
की इस कानून मे जुड़िशियस ओवरसाइज की कमी है इससे इसका मनमाना ढंग से इस्तेमाल हो सकता है इसके अलावा इसकी परिभाषा इतना व्यापक है की टैक्स चोरी रोकने के बजाय लोगो की निजता पर हमला बन सकता है तो नया कानून टैक्स चोरी रोकने के लिए बनाया गया है लेकिन इसके कुछ गंभीर नुकसान भी है यहा लोगो की निजता को प्रभावित कर सकता है
सभी के लिए नहीं ये नियम
आप को पता होना चाहिए कि न्यू IT Act के खंड -247 के अनुसार भारत में जांच में नामित किए गए आयकर अधिकारी को ये अधिकार कुछ खास मामलों में प्राप्त होगा यानी कि ये सभी टैक्स पेयर्स के लिए नहीं है
बल्कि ऐसे करदाताओं पर लागू होगा जिन पर टैक्स चोरी या आधोषित संपति जिन पर टैक्स भुगतान नहीं किया गया है उन लोगों पर संदेह होगा उन मामलों में अधिकारियों को ईमेल ,सोशल मीडिया अकाउंट , बैंक डिटेल्स और इनवेस्टमेंट अकाउंट तक पहुंचने का अधिकार दिया जायेगा