RBI ने सुना दिया फैसला, नहीं घटेगी आपकी EMI 2024 ?
हम आप को बात दे की अगस्त मे महंगाई दर के 5 साल के दूसरे न्यूनतम स्तर पर रहने के बावजूद अगले महीने होने वाली आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक मे रेपों मे कमी का भरोसा नही है पिछले हफ्ते सिंगपुर मेआरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया था की व्याज दरो मे कटौती के लिए अभी जल्दीबाजी नही किया जाएगा आरबीआई गवर्नर ने महंगाई दर मे जुलाई अगस्त मे आई नरमी के बावजूद कहा है की हमे अभी भी सतर्क रहना होगा दर असल व्यजा दरो मे कटौती के रास्ते की सबसे बड़ी विलन खाध महंगाई दर बनी हुई है
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लोन की EMI में नहीं होगी कोई वृद्धि
आपके होम लोन की ईएमआई पर इसका क्या असर होगा ये जान लीजिए…अगर आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है, तो इसका मतलब है कि कम से कम फिलहाल आपके होम लोन या अन्य लोन की ईएमआई में कोई वृद्धि नहीं होगी.
होम लोन के EMI मे कमी के आसार नही
जो जुलाई के 5.42% से बढ़कर अगस्त मे 5.66% हो गया है इसकी वजह बीते महीने सब्जियों के महंगाई मे आई तेजी रहा इसके अलावा शहर और गाव मे महंगाई दर भी पिछले महीने बढ़ है आकड़ों के मुताबिक शहरी महंगाई मासिक आधार पर 2.98% से बढ़कर 3.14% हो गया है जबकि ग्र्मिण महंगाई 4.10% से बढ़कर 4.16% तक पहुच गया है अगस्त 2023मे खाध महंगाई 9.94% था जो अब घाट कर 5.66% रहा गया है
महंगाई के बास्केट मे करीब 50% योगदान खाने पीने का समान का होता फूड महंगाई का सीधा असर व्यजा दरो पर पड़ता है क्यो की खाध वस्तुओ की किमाते बढ्ने से आम आदमी के खर्च करने की क्षमता पर असर आता है आरबीआई की नजर इन पर रहता है और अगर खाध महंगाई दर मे तेजी बनी रहती है तो व्यजा दरो को घटने की संभावना कम हो जाता है
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आरबीआई ने पिछले 10 महीनो मे व्याज दरो मे कोई कमी या बढ़ोतरी नही किया है और फूड प्राइस की चिंताओ के चलते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास जी जल्दीबाजी मे कटौती के पक्ष मे नही है पिछले मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के बैठक मे आरबीआई के गवर्नर ने कहा था की महंगाई मे कमी तो आ रहा है लेकिन इसका कमी की चाल धीमा और आसमान है हल की उन्होने कहा की भारत की महंगाई और ग्रोथ टैजेक्टरी संतुलित तरीके से आगे बढ़ रहा है
लेकिन यह तय करने के लिए सतर्क रहन जरूरी है की महंगाई टार्गेट के मुताबिक हो एक्सपार्ट्स का मानमा है की आरबीआई व्याज दर मे कटौती की दिशा मे तेजी से कदम नही उठाएगा अगर इस हफ्ते फेडरल रिजर्व अमेरिका मे व्याज दरो को घटने का फैसल करता है तो फिर संभव है की भारत मे अक्टूबर मे त्योहारी सीजन के दौरान लोगो की होम लोन की ईएमआई मे कमी का तोहफा मिला जाए
Repo Rate का EMI पर असर
आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
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अर्थशास्त्रियों का कहना है की शहरी कंज़्यूमर डिमांड मे कमी को देखते हुये व्याज दरे घाटना जरूरी है
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