Mutual Funds के सटीक Formula से बनने करोड़पति 2024
आज के इस भागते जिंदगी में सभी को पैसा कामना है कोई अपना पेट पालने के लिए पैसे के पीछे भाग रहा है कोई अपने साैक पूरे करने के लिए पैसे के पीछे भाग रहा है कोई करोड़पति बनने के सपने देख रहा है और कोई लाख पति बनने का सपना देखा रहा है लेकिन लाख पति और करोड़पति बनना इतना आसान भी नहीं होता है
इसके लिए सूझ बूझ के साथ आप को बचत करने का जरुरत होता है फायदे के फंड के जरिए हम आप को बताएंगे की कैसे आप छोटी छोटी बचत के जरिए
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कुछ सालो में करोड़पति बनने का अपना सपना पूरा कर सकते है म्युचुअल फंड का नाम आप ने सुना ही होगा हो सकता है आप ने अपने म्युचुअल फंड्स में निवेश भी कर रखा हो हो सकता है क्या आप ने किया होगा या फिर सोच रहे होगे लेकिन ऐसा नहीं है की सभी म्युचुअल फंड्स स्कीम्स में आपका पैसा कई गुना हो जाए या आपको वो म्युचुअल फंड्स स्कीम आप को करोड़पति या लाख पति बना देगा
करोड़पति बनने के लिए आप को सही म्युचुअल फंड्स स्कीम का चयन करना जरूरी है यानी सही म्युचुअल फंड्स स्कीम आप को चुनना जरूरी है
सबसे पहले हम आप को बताते है की म्युचुअल फंड्स कितने तरह के होते है
1. Equity Funds 👉 इसमें Large Cap, Small Cap, Multi Cap , Scheme आता है इसमें रिटर्न भी हाई होता है और रिस्क भी हाई होता है
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इस फंड का 60% से ज्यादा पैसा शेयर में निवेश होता है
Debt Funds, Debt Schems में रिस्क कम होता है और रिटर्न मॉडरेट रेट होता है यह फंड डेट सिक्योरिटीज जैसे सरकारी बॉन डिबेंचर और फिक्स्ड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है इनके 25 से 60% तक पैसा शेयरों में निवेश होता है
हाइब्रिड फंड्स यह यो फंड होते है जो इक्विटी और डेट दोनो स्कीम्स में निवेश करता है अब आते है ELSS फंड्स पर यानी इक्विटी लिंक सेविंग फंड्स में इस फंड में निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा ATC के तहत टैक्स में छूट मिलता है अगर आप शेयर मार्केट से अच्छा रिटर्न भी चाहते है और साथ ही टैक्स छूट भी चाहते है तो इसमें निवेश सबसे बेहतर होता हैबाजार में इन सभी कैटेगिरी में हजारों म्युचुअल फंड्स स्कीम मौजूद है लेकिन आप को अपने अपनी जरूरत के मुताबिक सही स्कीम का चुनाओ करना है म्युचुअल फंड्स चुनना आपके लिए सही लाइफ पार्टनर चुनने से काम नही है
क्यों की बाजार में दर्जनों कंपनियों का ढेरो म्युचुअल फंड्स स्कीम मौजूद है सबसे पहले तो आप को ये तय करना हैं की अपने निवेश करने का मकसद आख़िर है क्या आप कितन निवेश कर सकते है और कितने समय के लिए इसमें आप बने रहा सकते हैं अगर आप को साल दो साल के लिए निवेश करना है तो उसके लिए अलग अलग म्युचुअल फंड्स होगे अगर आपको 5 या 10 साल या इसे भी ज्यादा यानी लॉन्ग टाइम टर्म हिसाब के से आप को निवेश करना है
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तो उसके लिए दूसरे म्युचुअल फंड्स होगा मतलब साफ है की सही म्युचुअल फंड्स का चुनाव इसी बात पर निर्भर करता है की आपके निवेश अवधि क्या है मिसाल के लिए अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे है तो आप डेट फंड या लिकविड फंड्स चुन सकते है वही अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे है तो फिर आपके लिए इक्विटी म्युचुअल फंड्स सही रहेगा
एक बार अपने निवेश की अवधि सिलेक्ट कर लिया तो आप को ये सावला खुद से पूछना होगा की आप निवेश के लिए कितना जोखिम ले सकते है याद रखिए की ज्यादा रिटर्न के लिए ज्यादा जोखिम लेना पड़ता है लेकिन निवेश में सिर्फ रिटर्न ही इंपोटेंट नही होता है कैपिटल प्रोटेक्शन यानी गई पूजी की सुरक्षा भी मैने रखता है माना लीजिए की अपने लम्बे अवधि के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश का मन बन लिया लेकिन आप इस बात का जोखिम नही ले सकते है की आपके निवेश की वैल्यू में गिरावट आ जाए फिर आप का पैसा जो लगा हैं वो डूब जाए या फिर आप को वैसे फंड्स चुनने होगे जिसमे रिटर्न और जोखिम स्ंतुलित रहे यानी बेलेंसड रहे यानी आप प्योर इक्विटी फंड के बजाय बेलेंसडा फंड में निवेश करे जो इक्विटी और डेट दोनो में एक निश्चित अनुपात में पैसे लगते है
वैसे तो इस बात की गारंटी नही होता की अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा परफॉर्म किया है तो आगे भी उसका पर परफॉर्म अच्छा ही रहेगा लेकिन अलग अलग फंड्स के पिछले प्रदर्शन परफार्मेस से आप एक तुलनात्मक यानी कंपेयर कर सकते है और इसका कनपैरेटीव एनालिसिस कर सकते है की किस फंड के परफार्मेस में एक केंसिस्टेंसी है और उसके प्रदर्शन में उतार चढ़ाव बाजार और इनकन्मी से बहुत अलग तो नही है इसे आप को अपनी मन पसंद फंड्स स्कीम चुनने में मदद मिलेगी साथ ही आप को अलग अलग फंड से अब तक मिले ओसत रिटर्न का अंदाजा भी लग जायेगा आप अगल अलग फंड रेटिंग एजेंसी से इस फंड को दी गई रेटिंग भी चेक कर सकते है हल की इन रेटिंग में समनता नही होता है फिर भी आपको एक आईडिया जरूर मिला जाता है की किन पैरामिटार्स पर किसी फंड को आंका गया है जिस म्युचुअल फंड्स में आप पैसा लगने जा रहे है उस स्कीम को लेन वाला कम्पनी और उसके देखरेख करने वाले मैनेजर का रिकार्ड चेक करना भी बहुत मान्य रखता है
देखिए की फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है उसकी दूसरी स्कीमो का परफार्मेस कैसा रहा है और कंपनी की साख बाजार में कैसा हैं और साथ ही यह भी पता लगाए की आपका स्कीम के फंड मैनेजर का अनुभ्व कितना है और वह इस स्कीम को कितने समय से मैनेज कर रहा है ये जानने से जरूरी है की एक अनुभवी यानी एक्सपिरियंस और काबिल मैनेजर बाजार के उतार चढ़ावों से गुजर चुका होता है और वो आप के पैसे को बेहतर तरीके से लगने के गुण जो है वह जनता है और आप जब भी किसी भी म्युचुअल फंड्स स्कीम में पैसा लगाए तो हमारे इस बात को हमेशा ध्यान रखिए इससे आप को रिटर्न भी अच्छा मिलता है आपका कैपिटल मानी भी डूबने से बचती है
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अब बात आता है म्युचुअल फंड्स के जरिए कैसे और कितने दिनों में करोड़ पति बना जा सकता है सबसे अहम सवाल अगर आप का उम्र 30 साल है और आप हर महीने 5000 हजार रुपया का SIP करते है तो आप को करोड़पति बनने में करीब करीब 25 साल लगेगी यानी आप आप के पास 55 के उम्र में 1 करोड़ रूपए का रकम मिल जायेगा ये कैलकुलेशन हमने 12 % की सालना रिटर्न के आधार पर निकली गई है मतलब साफ है की 5000 हजार रुपए हर महीने बचाए और इस पैसे को म्युचुअल फंड्स में लगाए दिए तो 25 साल में आप करोड़पति बन जायेगे ऐसे में अगर आप का उम्र 40 साल है तो 60 साल के उम्र में आप करोड़पति बनने के लिए ज्यादा रकम की SIP करना होगा अगर आप 40 साल के है तो आप को 10,000 रुपए का हर महीने बचत करना होगा तभी आप 60 के उम्र में 1 करोड़ का रकम हासिल कर पाएंगे ये अकड़ा भी हमने 12% के हिस्ब से निकल है