अब दोगुना होगा Gold Loan का डिमांड 2024
अब सरकारी खजाने पर बढ़ते बोज के चलते अब यहा करीब करीब साफ हो गया है की सरकार सोना गोल्ड बंर्ड्स की स्कीम को अब आगे जारी नही रखेगा दरअसल गोल्ड के ऊंची कीमतों के चलते इसे सरकार को मैच्योरिटी के वक्त मोती रकम का भुगतान करना पड़ा रहा है इसके साथ ही फिजिकल सोने के आयत मे कमी करने के मकसद से लाई गई यह स्कीम इसमे भी सफल नही हो पाया है लेकिन सोने की ऊंची कीमतों मे हुई बढ़ोतरी ने गोल्ड लोन के बाजार मे तेज इजाफ करने का रास्ता तैयार कर लिया है
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दोगुनी होगा गोल्ड लोन का डिमांड
सलहकार फर्म PWC इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सख्त नियमो के चलते गोल्ड लोन की ग्रोथ मे नर्मी के के बावजूद देश के संस्थागत गोल्ड् लोन बाजार का आकार अगले 5 साल के दौरान दोगुना होकर 14.19000 करोड़ रुपए तक पाहुच सकता है रिपोर्ट मे कहा गया है की गोल्ड लोन मे जारी बढ़ोतरी के चलते 2023-24 के दौरान संस्थागत गोल्ड लोन बाजार का आकार 7.1000 करोड़ हो गया है रिपोर्ट मे कहा गया की 2029-29 तक 14.85% CAGR के साथ देश मे गोल्ड लोन का बाजार दोगुना हो कार 14.19000 हजार करोड़ तक पाहुचने का उम्मीद किया जा रहा है
साफ है लोग अपनी जरूरत और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गोल्ड के बदले पैसा लेने से नही हिचक रहे रिपोर्ट मे कहा गया है की भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा मे सोना है जो करीब 25 हजार टन होने का अनुमान लगया गया है इस सोने का मौजूदा मूल्य करीब 126 लखा करोड़ रुपया है हलकी रिपोर्ट मे ये भी कहा गया की रेगुरेटरी अथारिटीज की सख्ती बढ्ने के असर से अगले 2 साल के दौरान गोल्ड लोन बाजार मे ज्यादा बढ़ोतरी नही होगा
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इसके बाद वजह है की आरबीआई ने एनबीएफ़सीएस को गोल्ड लोन के तौर पर 20 हजार से ज्यादा रकम नगद मे नही देने की सलाह दिया है ऐसे मे मुमकिन है की ग्राहक गैर संस्थागत क्षेत्र की तरफ से गोल्ड लोन के लिए रुख कर सकते है रेगुलेटरी अथारिटीज की सख्ती और गाइडलाइंस मे बदलाव के चलते प्रमुख एनबीएफ़सी के शेयरों मे भी गिरावट आई है रिपोर्ट मे कहा गया की 2023-24 मे सोने की कीमतों मे तेज इजाफा होने से भी गोल्ड लोन देने वाले व्यजा दरो और वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रुख अपना सकते है
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