अगर UPI पर लगा फीस तो लोग बंद कर देंगे UPI का इस्तेमाल 2024
इन्वेस्टमेंट से लेकर किसी भी समान को खरीदने तक अगर आज के तारीख में पैसे का डिजिटल लेन देन करना हो तो सबसे पहले लोगो के जहन में यूपीआई पेमेंट ही आता है छोटे पैसे के समस्या को लेकर रेढ़ी पटरी गांव देहातो तक यूपीआई ने पेमेंट को आसान बना दिया है डिजिटल इंडिया का ये सबसे चमकत सितारा है और सबसे बड़ी कामयाबी भी है इसकी सबसे बड़ी वजह है डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ड के तुलना में इसका मुफ्त होना इस लिए ग्राहकों के साथ साथ दुकानदारों ने भी इसे आराम से अपना लिया
अब एक बड़ी मुसीबत इन सभी के सामने खड़ी होने वाला है एक खुलास हुआ है की अगर यूपीआई पेमेंट पर फीस लिया जाने लगा तो लोग इस पेमेंट करने वाले सिस्टम को छोड़ देंगे ऐसा हम क्यों कहा रहे है चलिए हम बताते है
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UPI पर लगा फीस तो इस्तेमाल बंद
हल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्ति कांत दास ने एक बयान में कहा था की भारत में अगर 100 डिजिटल लेन देन होते है तो उनमें से 80 % करीब यूपीआई से होते है इसमें छोटे से लेकर बड़े लेन देन शामिल है ऐसे में खुलास होना की अगर यूपीआइ पेमेंट पर अगर फीस लगने लगे तो इसे इस्तेमाल करने वाले 70% लोग इसे छोड़ देंगे
यह एक चैकाने वाला बता है लोकल सर्किल के सर्वे में 34000 हजार लोगो को इसमें मिलाया गया इनके जवाब के आधार पर अभी यह निष्कर्ष निकाला गया की अगर यूपीआइ पेमेंट पर किसी भी तरह का कोई फीस लगता है लोग इसका इस्तेमाल करना बंद कर देते लोगो ने कैश लेन देन के बदले यूपीआई को अपनाया इस लिए क्यों की ये आसान और मुफ्त है
UPI से लेन देन का हिसाब किताब
एनसीपीआई के आंकड़ों के अनुसार यूपीआई ने फरवरी 2024 में 16 लाख करोड़ से ज्यादा का लेन देन मूल्य दर्ज किया था जो पिछले साल फरवरी में 12 लाख करोड़ से ज्यादा था लेन देन शुल्क का सबसे आम उदाहरण यूपीआई भुगतान के लिए आईआरसीटीसी द्वारा लिया जाने वाला फीस शुल्क है अब जब ये मुफ्त रहेगी नही तो कैश बेहतर है हलकी यूपीआई पेमेंट पर फीस लगने की मांग लंबे समय से क्या जा रहा है यूपीआई पेमेंट का सर्विस देने वाले कई फिनटेक कंपनिया जैसे पेटीएम , गूगल पे , और फ़ोन पे चाहते है की RBI , NPCI और सरकार UPI पेमेंट को MDR यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट के दायरे में लाए
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MDR क्या होता है
MDR से मतलब है की ऐसी पेमेंट फीस जो लेन देन प्रॉसेज करने के एवज में बैंक या फिनटेक कंपनिया दुकानदारों से लेता है डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते वक्त दुकानदारों को एचडीआर चुकाना होता है यूपीआई लेन देन के पियर टू पियर होने के वजह से उस पर MDR नही लगता है ऐसे में फिनटेक कंपनियों के घाटे का भर पाई करने के लिए ही क्रेडिट कार्ड को भी यूपीआइ से जोड़ दिया गया ताकि ये लेन देन फीस ले सके वही फिनटेक कंपनियों ने कई अन्य सर्विस पर प्लेटफार्म फीस भी लेना शुरू कर दिया है
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यूपीआई पेमेट पर एमडीआर या लेन देन फीस लेने के लिए आरबीआई ने 2022 में कंसल्टेंशन पेपर भी निकाला था जिसमें अलग अलग अमाउंट के लेवल के हिसाब से यूपीआई पेमेंट पर शुल्क लगने को लेकर चर्चा की गई थी लेकिन इसका तब कोई अंतिम फैसला नही लिया जा सका लेकिन क्या यूपीआई के इस्तेमाल पर लेन देन फीस लगनी चाहिए आप को क्या लगता है कमेंट बॉक्स में बताइए